नई दिल्ली; 23 जुलाई : अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की अध्यक्ष और तंजानिया की नेशनल असेंबली की अध्यक्ष डॉ. तुलिया एकसन ने एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए आज संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला से मुलाकात की।
आरंभ में, श्री बिरला ने भारतीय संसद और भारतीय जनता की ओर से प्रतिनिधिमंडल का हार्दिक स्वागत किया। हाल ही में संपन्न ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान आईपीयू अध्यक्ष के साथ अपनी संक्षिप्त बातचीत को याद करते हुए, बजट सत्र की कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए भारतीय संसद में उनका स्वागत किया । उन्होंने बताया कि बजट सत्र हमारी संसद के सबसे महत्वपूर्ण सत्रों में से एक है, जहाँ सरकार के वित्तीय प्रस्तावों की सावधानीपूर्वक समीक्षा, बहस और सदन द्वारा अनुमोदन किया जाता है।
संसद के नए भवन के बारे में बोलते हुए, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यह भारत की कला, शिल्प, संस्कृति, संगीत और इतिहास को समेटे हुए भारत का एक सूक्ष्म जगत प्रस्तुत करता है। यह एक अत्याधुनिक भवन भी है जिसमें नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है और यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। यह उल्लेख करते हुए कि यह एक अरब से अधिक भारतीयों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है, उन्होंने कहा कि पिछले साल निर्मित नए संसद भवन में कई महत्वपूर्ण कानून पारित हो चुके हैं, जिनमें ऐतिहासिक महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन) भी शामिल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की नेतृत्व भूमिकाओं को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि जहां यह भवन हमारी विधायी प्रगति का प्रमाण है, वहीं पुराना संसद भवन उन कानूनों की विरासत संजोये है, जिन्होंने हमारे देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को आकार दिया है।
भारतीय आम चुनावों पर बोलते हुए, श्री बिरला ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत, चुनावों को एक भव्य उत्सव के रूप में मनाता है। श्री बिरला ने बताया कि अनुमानित एक अरब मतदाताओं के हमारे देश में, हाल के आम चुनावों में लगभग 650 मिलियन लोगों ने भाग लिया। लोक सभा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि हमारा संविधान प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित करता है, चाहे उनका क्षेत्र या समुदाय कुछ भी हो और यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता है कि कोई भी मतदाता पीछे न छूट जाए, यदि आवश्यक हो तो एक मतदाता के लिए भी मतदान केंद्र स्थापित किए जाते हैं।
श्री बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और तंजानिया के बीच दीर्घकालिक और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, तथा आशा व्यक्त की कि डॉ. एकसन की यात्रा से संबंधों को और मजबूती मिलेगी। भारत और तंजानिया के बीच संसदीय सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से, श्री बिरला ने कहा कि संसदीय प्रतिनिधिमंडलों का नियमित आदान-प्रदान और साझा हितों पर निरंतर चर्चाएं महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं को समर्थन देने के लिए संसदीय अध्ययन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा तथा इस उद्देश्य के लिए क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में PRIDE की सेवाओं की पेशकश की।
आईपीयू के अध्यक्ष के रूप में डॉ. एकसन की भूमिका पर चर्चा करते हुए, श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि आईपीयू के माध्यम से हम दुनिया भर में लोकतांत्रिक संस्थाओं को और अधिक सार्थक बना सकेंगे। उन्होंने वैश्विक संसदों को जोड़ने और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो एक आदर्श संसदीय प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।