श्रीनगर: लोक सभा अध्यक्ष, ओम बिरला ने आज शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, श्रीनगर में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र की पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए संसदीय आउटरीच कार्यक्रम का उद्घाटन किया।उन्होंने इस पर जोर देते हुए कि इस आउटरीच कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर की हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है।
श्री बिरला ने कहा कि ग्राम पंचायतों जैसी लोकतांत्रिक संस्थाएं लोगों के जीवन को बेहतर बना सकती हैं और इसके लिए आधारभूत स्तर पर सामूहिक और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘सशक्त पंचायतें हमारे लोकतंत्र को और मजबूत बनाएंगी और इससे लोगों का लोकतंत्र में विश्वास श्री बिरला ने जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र में हो रहे विकास की सराहना की और कहा कि संघ राज्य क्षेत्र शांति, प्रगति और विकास के पथ पर अग्रसर है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के सामूहिक और समन्वित प्रयासों से विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र सहित पूरे देश कोआत्मनिर्भर बनाने के लिए विकास के माध्यम के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए । उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, हस्तशिल्प और कृषि उत्पादों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं और उपयुक्त कौशल मौजूद है, इसलिए जमीनी स्तर की लोकतांत्रिक संस्थाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके विपणन को बढ़ावा देने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि जम्मू-कश्मीर विकास और रोजगार के मामले में देश का नेतृत्व करेगा।
इस अवसर पर उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि संघ राज्य क्षेत्र में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने के लिए लोक सभा सचिवालय द्वारा विस्तृत व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उचित रूप से प्रशिक्षित प्रतिनिधि बेहतर ढंग से काम करने में सक्षम होंगे जिसके परिणामस्वरूप लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन आएगा। श्री बिरला ने आगे कहा कि वह संसदीय स्थायी समितियों को सुझाव देंगे कि वे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के दूर-दराज के क्षेत्रों में नियमित अध्ययन दौरे करें ताकि यहाँ की वास्तविक स्थिति को समझ कर स्थानीय लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए संभावित समाधान किए जा सकें ।
श्री बिरला के अलावा, इस कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा; केंद्रीय जल शक्ति और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री, श्री प्रह्लाद सिंह पटेल; केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, श्री रामदास अठावले; केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री, श्रीमती अन्नपूर्णा देवी; श्रीनगर से संसद सदस्य, डॉ. फारूक अब्दुल्ला जम्मू और कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री, श्री निर्मल कुमार सिंह, संसद सदस्य और अन्य विशिष्टजन शामिल हुए ।
श्री बिरला ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र समय के साथ मजबूत हुआ है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को काफी हद तक पूरा किया गया है और अब भारत लोकतंत्र की यात्रा में विश्व समुदाय का नेतृत्व कर रहा है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि लोकतंत्र से ही हमारी विविधता में एकता है और हम एक सामूहिक शक्ति हैं । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारी इस सामूहिक ताकत से ही हमें देश की प्रगति में बाधा डालने वाली प्रतिकूलताओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।
श्री बिरला ने यह भी कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जाए ताकि उनकी कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाया जा सके। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर काम करने वाली लोकतांत्रिक संस्थाओं से अपील की कि वे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए और सुव्यवस्थित कामकाज के लिए अपने नियम और प्रक्रियाएं विकसित करें। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि यदि ये संस्थाएं ठीक से काम करें और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाएं, तो विकास प्रक्रिया को एक नई गति मिलेगी ।
बाद में, (i) भारतीय संसद और जमीनी स्तर की संस्थाएं: क्षमता और चुनौतियां – नेतृत्व का प्रारम्भिक चरण, (ii) पंचायत का नेतृत्व: सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का सशक्तीकरण, और ( iii) जम्मू और कश्मीर में पर्यटन, संस्कृति और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने में पंचायतों की भूमिका के विषयों पर तीन पैनल चर्चाएं आयोजित की गईं। इन पैनल चर्चाओं के दौरान, प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अपने काम को बेहतर बनाने के अनुभव और विचार साझा किए।संसद सदस्य, श्री रामप्रीत मंडल और जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के उपराज्यपाल के सलाहकार, श्री बसीर अहमद खान ने समापन भाषण दिया।