नई दिल्लीः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मानसून सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करते हुए कहा कि इस सत्र में सदन का कामकाज अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका। व्यवधान के कारण बैठक के लिए नियत 96 घंटे में से कुल 74 घंटे 46 मिनट तक सदन में कामकाज नहीं हो सका। इसके कारण इस सत्र में सदन का कार्य निष्पादन मात्र 22 प्रतिशत रहा। निरंतर गतिरोध के कारण इस सत्र में सदन की कुल 17 बैठकों में मात्र 21 घंटे 14 मिनट तक का ही कार्य संपादित किया गया।
सत्र 19 जुलाई से आरंभ हुआ और 13 अगस्त को समाप्त होना था। मगर व्यवधान के चलते दो दिन पहले ख़त्म करना पड़ा।
सत्र के आरंभ में लोकसभा के 4 नए सदस्यों ने 19 जुलाई, 2021 को सदस्यता की शपथ ली। सत्र के दौरान सदन में कुछ महत्वपूर्ण वित्तीय और विधायी कार्यों का निष्पादन किया गया। इस सत्र के दौरान, 13 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए। संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 सहित 20 महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए।
सत्र के दौरान निरंतर व्यवधान के बावजूद प्रश्न काल में 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए।
सदस्यों ने नियम 377 के अधीन कुल 331 मामले उठाए तथा स्थायी समितियों द्वारा सभा में 60 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए। मंत्रियों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 52 वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सरकारी कार्य के संबंध में 3 वक्तव्य भी दिए गए।
सत्र के दौरान, संबंधित मंत्रियों द्वारा 1243 पत्र सभा पटल पर रखे गए।